Wednesday, 6 February 2013

चुड़ैल की कहानी


यही कोई 14 साल का था मै। दिन भर खेलने और कूदने में दिन निकल जाता था।
स्कूल की छुट्टिया चल रही थी इसलिए दिन भर हुड-दंग मचाना ही मेरा काम था।
दूर के एक चचेरे भाई की शादी थी तो घर के सारे लोग शादी में गए थे मै घर पर
अकेला था। शाम के वक़्त मै मोहल्ले में खड़ा पर मेरी उम्र के बच्चे नदारद
थे। मै अपने से बड़ी उम्र के बच्चो के साथ जाकर खड़ा हो गया। सभी आपस में
चुड़ैल की बात कर रहे थे। हर किसी के पास चुड़ैल के बारे में बताने के लिए
कोई न कोई कहानी थी और मै मज़े लेकर उन कहानियो को सुन रहा था।

सागर ने अपनी कहानी की शुरवात की।
"
रात को करीब एक बजे के बाद वो चुड़ैल 4थे महल्ले से उतरती है और पायल की
आवाज़ करते हुए धीरे धीरे सड़क से होते हुए हमारी गली से गुजरती है। सागर ने
बताया की वो रोज़ इस घटना को अपने आँखों से देखता और एक दिन उसने चुड़ैल का
पीछा किया। सागर चुड़ैल के पीछे पीछे जा रहा था और अचानक कुंए के यहाँ से
चुड़ैल गायब हो गयी। मै भी घर गया। टीवी पर मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने
लगा और खाना खाकर सो गया।

छन

छन

छन

छन

मेरी
नींद अचानक से टूट गयी और मेरे कान में छन-छन की आवाज आ रही थी। मुझे लगा
की गलती से आज चुड़ैल मेरे घर के तरफ चली आयी है। मैंने सोचा की लाइट ऑन
करने के बारे में सोचा पर ये सोच कर रुक गया की चुड़ैल समझ जायेगी की मई जाग
रहा हु और ये सोचकर मै रुक गया। और अगले कुछ सेकण्ड्स में मैंने सभी
32 करोड़ देवी-देवताओ का नाम जप लिया था। धीरे-धीरे मै दरवाज़े की तरफ बाधा
और दरवाज़े के छेद में से बहार देखा। बहार देखते ही मेरा डर गायब हो गया।
BMC ने आज पानी जल्दी छोड़ दिया था और मेरे बाजु वाली चाची पानी भर रही थी।
उसके पाँव की पैजनी (पायल) छन-छन की आवाज़ कर मुझे डरा रही थी।




Doing Kamaal,
Kamal Upadhyay

No comments:

Post a Comment

.