काटजू जी सुना था काफी बढ़िया न्यायाधीश थे. परन्तु हाल में संजू बाबा के
मुद्दे में उनकी उंगली देखकर मेरा सारा भ्रम दूर हो गया। संजू के बचाव में
दी गयी उनकी दलील एक तरफ़ा थी, या फिर यूँ कहे मीडिया के पत्रकारीता क्लब के
अध्यक्ष बनने के बाद वो खुद भी मीडिया के दांव पैतरो में उस्ताद हो गए।
मीडिया का ध्यान अपनी और खीचने के लिए राखी सावंत की तरह उलजुलूल हरकते
करने लगे।
संजू की रिहाई का तर्क भी बडा निराला था, काटजू जी कहेते की संजू पिछले 20 साल से परेशान है और उनकी 20 साल की परेशानी को ध्यान में रखते हुए उनकी सजा माफ़
कर देनी चाहिए। इसका मतलब काटजू के तर्क से पिछले 20 साल से कोर्ट का
चक्कर लगाने वाले हर इंसान की सजा अगर 20 साल या उससे कम है तो कोर्ट को उन
सभी मुकदमो को ख़ारिज कर देना चाहिए। मेरा काटजू साहब से निवेदन है की वो कोर्ट से सभी मामलो को ख़ारिज करने के लिए याचिका दाखिल करे.
काटजू
का दूसरा तर्क और भी निराला था। काटजू के अनुसार सुनील दत्त जी ने हमारे
समाज को काफी कुछ दिया है और उनके कार्यो को ध्यान में रखते हुए संजू को
माफ़ कर देना चाहिए। तो अगर काटजू जी की मने तो सभी समाजसेवको के बच्चे अपने
घर में हथियार रख सकते है और उन्हें पुलिस से डरने की कोई जरूरत नहीं है
क्योंकि उनके माता पिता ने समाज के लिए काफी कुछ किया है।
हाल में
आयी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार काटजू सलमान खान और सैफ अली खान को सजा होने
पर उनके लिए भी याचिका दाखिल करने को तैय्यार है। परन्तु काटजू जी ये भूल
गए की सलमान खान और सैफ अली खान के पास काटजू जी से बढ़िया और बेहतरीन
वकीलों की सेना है और काटजू जी उनके सामने चाय में दूध कम पानी है।
चलते चलते काटजू जी अगर आप इतने ही खाली बैठे है तो उन गरीबो का केस लड़े जिनके पास वकील को देने को पैसे नहीं है।
Doing Kamaal,
Kamal Upadhyay
ऊपर लिखी सभी घटनाएं और पात्र काल्पनिक है और उनका वास्तविक जीवन से मिलन मात्र एक संयोग माना जायेगा। वकीलों और जज के बारे में सही लिखो तो भी ये लाइन लास्ट में लिख दो नहीं तो पता चला की आप भी कोर्ट के चक्कर लगा रहे व्यंग लिखने के लिए।
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