एक दिन मै नींद से जगा और मेरी यादास्त जा चुकी थी !
राह मै चलते चलते मुझे पता चला की मै ऑस्ट्रेलिया मै हु !
हा वही ऑस्ट्रेलिया जहा आज कल भारतीयों के ऊपर अत्याचार हो रहा है !
मुझे मेरा पासपोर्ट मिला जिससे पता चला मै भारतीय हु !
वहा से शुरू हुई मेरी यात्रा मैं कौन हु ?
इस संसार मे.मै मानव हु !
जब मै ऑस्ट्रेलिया मे था …..मै भारतीय हु !
जब मै भारत आया मै उत्तर भारतीय हु !
मै उत्तर भारत गया वहा मै up का हु !
मै UP गया वहा मै ब्रह्मण हु !
मै ब्र्हमानो के पास गया तो मुझे पता चला की मै दिव्तीय कोटि का ब्रह्मण हु !
आज मै कमल जो आपने बारे मे इतना कुछ जानता हु ! पर आज भी मै नहीं जानता की मे कौन हु !
भगवान ने हमें जीवन का आनंद लेने के लिए जन्म दिया परन्तु हमने आपने आप को
कई हिस्सों मे विभाजीत कर दिया ! भगवान स्वयं सोच रहे कई मानवता का निर्माण
उनकी सफलता है या विफलता !
मै कौन हु ?
कमल उपाध्याय
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