Wednesday 26 September 2012

क्रिसमस गिफ्ट

मै बार साल का था और सातवी कक्षा मै पढ़ रहा था. मै हिंदी माध्यम था इस लिए क्रिसमस मेरे लिए एक दिन की छुट्टी के अलावा कोई ज्यदा महत्व नहीं रख ता था. अंग्रेजी माध्यम मे क्रिसमस के उपलक्ष्य मे एक हप्ते की छुट्टिया मिलाती थी, परन्तु अन्य भाषा के विद्यालयों मे एक दिन के अवकाश के अलावा क्रिसमस कोई खास मायने नहीं रखता था. मुझे तो पहली कक्षा से ही क्रिसमस की छुट्टिया मिलती थी परन्तु क्रिसमस का मतलब मुझे सातवी कक्षा मे समझ मे आया.



क्रिसमस ईसायियो का बहुत बड़ा त्यौहार था जैसे हिन्दू धर्म मे दिवाली होता है, मेरे लिए उत्सुकता की बात ये थी की मेरे मित्रो के अनुसार क्रिसमस के दिन संताक्लोस नाम का व्यक्ति आता है और सबको गिफ्ट देकर जाता है. मुझे उसके गिफ्ट देने मे जो बात विचित्र लगी वो थी की वो लोगो के मोज़े मे गिफ्ट डालता था. सो इस बार मैंने भी संताक्लोस से गिफ्ट लेने की ठान ली.



क्रिसमस के दिन सुबह उठकर मैं सबसे पहेले अपने मोज़े को धोने लगा मै नहीं चाहता था की संताक्लोस मेरे गंदे मोज़े मे गिफ्ट डालकर जाए ! और शाम के समय मैंने अपने मोज़े को अपने बिस्तर के किनारे टांग दिया. मै मन ही मन सोच रहा था की इतने छोटे से मोज़े में संता क्या डालेगा, यही सोचते-सोचते मै सो गया और सुबह उठकर मैंने सबसे पहेले अपने मोज़े की तरफ नज़र डाला परन्तु मेरा मोजा जगह पर नहीं था मै परेशान हो गया और जैसे ही उठकर बाहर आया मेरा मोजा बहार की रस्सी पर सुख रहा था. मेरी माँ ने उस धुले मोज़े को फिर धोकर रस्सी पर टांग दिया.




मैंने एक साल तक क्रिसमस का इंतज़ार किया और क्रिसमस का दिन आ गया इस बार मैंने आपने पिताजी का नया मोजा लिया क्योंकि बड़े और नए मोज़े मैं संताक्लोस कुछ बड़ा ही डालेगा. मैंने मोजा ऐसी जगह रखा जंहा संताक्लोस के अलावा कोई नहीं पहुच पाए. मै दिन भर खेल रहा था तो रात मै जल्दी सो गया. सुबह उठकर झटपट मै मोज़े को उतारने के लिए चला गया जैसे ही मैंने मोज़े को खोला वो खाली था मुझे इस बात का दुःख हुआ की मैंने मोजा ऐसी जगह क्यों टांगा जहाँ किसी की नजर न जाए, मुझे लगा शायद संताक्लोस को भी मोजा ढूढ़ने में परेशानी हुई इसलिए वो बिना गिफ्ट डाले ही चला गया.



कुच्छ सालो के बाद !



मुझे पता चला की क्रिसमस के दिन बच्चो के माता पिता उनके लिए गिफ्ट लाते है और संताक्लोस सिर्फ एक दन्त कथा है. मेरे माता पिता इस बात से अनभिज्ञ थे हमारे हिन्दू धर्म मै क्रिसमस का कोई रिवाज़ नहीं था. मैं हमेशा आपने क्रिसमस की इस कहानी को सोच कर मुस्कराता हु और मन ही मन सोचता हु की किसी दिन मुझे क्रिसमस गिफ्ट मिलेगा परन्तु अब मैंने मोजा लटकाना छोड़ दिया है!







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