Tuesday, 25 September 2012

टाटाजी को मेरा पत्र


नमस्ते,



आदरणीय टाटा जी,



मै मुम्बादेवी की कृपा से बहुत
बढ़िया हु और आशा करता हु की आप भी बढ़िया होंगे ! कई दिनों से ट्विट्टर पर
आप कोई तवीत नहीं देखा तो सोचा की आप से कुछ बात कर लू ! मै हमेशा लोगो से
सुनता हु की टाटा ग्रुप बहुत ही ईमानदार ग्रुप है ! सर्कार से निकले वाले
किसी भी ठेकों को प्राप्त करने के लिए आप की कम्पनी किसी भी प्रकार का घूस
नहीं देती है ! भारत की प्रगति मे टाटा ग्रुप का बहुत बड़ा हाथ रहा है ! मै
ऐसी आशा करता हु की आगे भी टाटा ग्रुप भारत की प्रगति मै बहुत बड़ा योगदान
देगा !




आप जानते है की आज कल भारत मे ऍफ़डीआई को लेकर राजनितिक गलियारों मे
खींच तान चल रही है ! कभी ऍफ़डीआई को भारत की प्रगति मे जरुरी बताने वाली
बीजेपी इसका विरोध कर रही है और कांग्रेस इसे भारत की प्रगति के लिए जरूरी
बता रही है ! प्रगति तो हम सभी चाहते है परन्तु सही क्या है और गलत क्या
इसका निर्णय लेना बहुत ही कठिन हो रहा है ! समझ मे नहीं आ रहा कांग्रेस पर
भरोसा करू या बीजेपी पर भरोसा करू क्योंकि की दोनों ही पक्ष मे रहेने पर
कुछ और विपक्ष मे रहेने पर कुछ और बोलते है !




मै आप से मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर चाहता हु !



१. क्या विदेशी निवेश भारत मे जरूरी है ?

२. भारत की अर्थ व्यवस्था मे सुधर लाने के लिए सर्कार को क्या कदम लेना चाहिए ?

३. भारत मे टाटा ग्रुप जैसी बड़ी कंपनिया होने के बावजूद क्यों हमें विदेशी कंपनियों के ऊपर हमारी प्रगति छोड़ देनी चाहिए ?

४. भारत की राजनितिक व्यवस्था के बारे मे आपका क्या कहेना है ?

५. भारत मे व्यपार करना प्रतिदिन काठी होता जा रहा है, क्यों ?



मै जनता हु की आप बहुत ही व्यस्त है और शायद ही मेरे सवालो के जवाब देने का समय पाए पर मै आपके उत्तर की प्रतीक्षा करूँगा !



आपका आभारी,

@doingkamaal

कमल उपाध्याय

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