Sunday, 30 September 2012

Ganpati & Politics


In last few years many of the festival changed their
meaning. We celebrate our festival with lot’s of joy & happiness. We have
faith in God and we respect our culture and do celebration. There are many festivals
which people changed as per their need. Ganpati is one of the festival which
changed it’s meaning and way of celebration.









Lokmany Tilak started Ganpati to meet people involved in
freedom movement of India and slowly gradually it became festival. People
changed colour , structure & pandals of Ganpati and with time Nashik Band transformed
into DJ. Songs like Deva Ho Deva was replaced by Deva Shree Ganesh. The posters
of Tilak, Gandhi & Bhagat Singh were replaced by local & state
political leaders.





I am not sure that Danney Boyel is making another movie in
India but there are so many characters you can see across banners of Mumbai who
are fit to be next villain of his movie.”Jab Tak Bharat Mai Cinema Rahega Log
Chutiya Bante Rahnge” the very famous dialog from Gang of Wasseypur is very
suitable for all banners across Mumbai during Ganpati festival. Netas are
posing in different styles, people are trying to be Sanjay Dutt of Vastav or
Ajay Devgan of Singham.





Ganpati became mode to show off political power and
advertisement.





Doing Kamaal,



Wednesday, 26 September 2012

Barfii at Oscar


I was coming home when I read that Barfi is India’s
nomination for Oscar. I hadn’t seen the movie so I was not the right person to comment
on it’s nomination but this time I was expecting “Paan Singh Tomar” or “Gang of
Wasseypur” for Oscar nomination. But this surprise is not new from panel which
selects movies for Oscar nomination. Few years ago when we were expecting “Black”
for Oscar nomination at that time they sent Mirchi to Oscar.







Let’s talk about Barfii. Ranbir acted very well but that
just not certify that it should be India’s nomination for Oscar most of the scenes
of movies are copied from various legendary film from across Globe. If you will
cut all the copied scenes from movie then there is very weak script writing
leads to very weak story though Anurag successfully directed all copied scenes of
movies but it movie was bit slow.





Barfii won’t get anything in Oscar as we are showing them
what they had seen in 1922. If we have to get award in Oscar then there should
be something original, something which talk some about India or talk about culture,
tradition or people of India. So Barfi is wrong choice for Osccar.


We must have sent “Paan Singh Tomar” or “Gang of Wasseypur”
for the Oscar or at last “Shanghai.”





Doing Kamaal,



क्रिसमस गिफ्ट

मै बार साल का था और सातवी कक्षा मै पढ़ रहा था. मै हिंदी माध्यम था इस लिए क्रिसमस मेरे लिए एक दिन की छुट्टी के अलावा कोई ज्यदा महत्व नहीं रख ता था. अंग्रेजी माध्यम मे क्रिसमस के उपलक्ष्य मे एक हप्ते की छुट्टिया मिलाती थी, परन्तु अन्य भाषा के विद्यालयों मे एक दिन के अवकाश के अलावा क्रिसमस कोई खास मायने नहीं रखता था. मुझे तो पहली कक्षा से ही क्रिसमस की छुट्टिया मिलती थी परन्तु क्रिसमस का मतलब मुझे सातवी कक्षा मे समझ मे आया.



क्रिसमस ईसायियो का बहुत बड़ा त्यौहार था जैसे हिन्दू धर्म मे दिवाली होता है, मेरे लिए उत्सुकता की बात ये थी की मेरे मित्रो के अनुसार क्रिसमस के दिन संताक्लोस नाम का व्यक्ति आता है और सबको गिफ्ट देकर जाता है. मुझे उसके गिफ्ट देने मे जो बात विचित्र लगी वो थी की वो लोगो के मोज़े मे गिफ्ट डालता था. सो इस बार मैंने भी संताक्लोस से गिफ्ट लेने की ठान ली.



क्रिसमस के दिन सुबह उठकर मैं सबसे पहेले अपने मोज़े को धोने लगा मै नहीं चाहता था की संताक्लोस मेरे गंदे मोज़े मे गिफ्ट डालकर जाए ! और शाम के समय मैंने अपने मोज़े को अपने बिस्तर के किनारे टांग दिया. मै मन ही मन सोच रहा था की इतने छोटे से मोज़े में संता क्या डालेगा, यही सोचते-सोचते मै सो गया और सुबह उठकर मैंने सबसे पहेले अपने मोज़े की तरफ नज़र डाला परन्तु मेरा मोजा जगह पर नहीं था मै परेशान हो गया और जैसे ही उठकर बाहर आया मेरा मोजा बहार की रस्सी पर सुख रहा था. मेरी माँ ने उस धुले मोज़े को फिर धोकर रस्सी पर टांग दिया.




मैंने एक साल तक क्रिसमस का इंतज़ार किया और क्रिसमस का दिन आ गया इस बार मैंने आपने पिताजी का नया मोजा लिया क्योंकि बड़े और नए मोज़े मैं संताक्लोस कुछ बड़ा ही डालेगा. मैंने मोजा ऐसी जगह रखा जंहा संताक्लोस के अलावा कोई नहीं पहुच पाए. मै दिन भर खेल रहा था तो रात मै जल्दी सो गया. सुबह उठकर झटपट मै मोज़े को उतारने के लिए चला गया जैसे ही मैंने मोज़े को खोला वो खाली था मुझे इस बात का दुःख हुआ की मैंने मोजा ऐसी जगह क्यों टांगा जहाँ किसी की नजर न जाए, मुझे लगा शायद संताक्लोस को भी मोजा ढूढ़ने में परेशानी हुई इसलिए वो बिना गिफ्ट डाले ही चला गया.



कुच्छ सालो के बाद !



मुझे पता चला की क्रिसमस के दिन बच्चो के माता पिता उनके लिए गिफ्ट लाते है और संताक्लोस सिर्फ एक दन्त कथा है. मेरे माता पिता इस बात से अनभिज्ञ थे हमारे हिन्दू धर्म मै क्रिसमस का कोई रिवाज़ नहीं था. मैं हमेशा आपने क्रिसमस की इस कहानी को सोच कर मुस्कराता हु और मन ही मन सोचता हु की किसी दिन मुझे क्रिसमस गिफ्ट मिलेगा परन्तु अब मैंने मोजा लटकाना छोड़ दिया है!







Tuesday, 25 September 2012

टाटाजी को मेरा पत्र


नमस्ते,



आदरणीय टाटा जी,



मै मुम्बादेवी की कृपा से बहुत
बढ़िया हु और आशा करता हु की आप भी बढ़िया होंगे ! कई दिनों से ट्विट्टर पर
आप कोई तवीत नहीं देखा तो सोचा की आप से कुछ बात कर लू ! मै हमेशा लोगो से
सुनता हु की टाटा ग्रुप बहुत ही ईमानदार ग्रुप है ! सर्कार से निकले वाले
किसी भी ठेकों को प्राप्त करने के लिए आप की कम्पनी किसी भी प्रकार का घूस
नहीं देती है ! भारत की प्रगति मे टाटा ग्रुप का बहुत बड़ा हाथ रहा है ! मै
ऐसी आशा करता हु की आगे भी टाटा ग्रुप भारत की प्रगति मै बहुत बड़ा योगदान
देगा !




आप जानते है की आज कल भारत मे ऍफ़डीआई को लेकर राजनितिक गलियारों मे
खींच तान चल रही है ! कभी ऍफ़डीआई को भारत की प्रगति मे जरुरी बताने वाली
बीजेपी इसका विरोध कर रही है और कांग्रेस इसे भारत की प्रगति के लिए जरूरी
बता रही है ! प्रगति तो हम सभी चाहते है परन्तु सही क्या है और गलत क्या
इसका निर्णय लेना बहुत ही कठिन हो रहा है ! समझ मे नहीं आ रहा कांग्रेस पर
भरोसा करू या बीजेपी पर भरोसा करू क्योंकि की दोनों ही पक्ष मे रहेने पर
कुछ और विपक्ष मे रहेने पर कुछ और बोलते है !




मै आप से मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर चाहता हु !



१. क्या विदेशी निवेश भारत मे जरूरी है ?

२. भारत की अर्थ व्यवस्था मे सुधर लाने के लिए सर्कार को क्या कदम लेना चाहिए ?

३. भारत मे टाटा ग्रुप जैसी बड़ी कंपनिया होने के बावजूद क्यों हमें विदेशी कंपनियों के ऊपर हमारी प्रगति छोड़ देनी चाहिए ?

४. भारत की राजनितिक व्यवस्था के बारे मे आपका क्या कहेना है ?

५. भारत मे व्यपार करना प्रतिदिन काठी होता जा रहा है, क्यों ?



मै जनता हु की आप बहुत ही व्यस्त है और शायद ही मेरे सवालो के जवाब देने का समय पाए पर मै आपके उत्तर की प्रतीक्षा करूँगा !



आपका आभारी,

@doingkamaal

कमल उपाध्याय

Monday, 24 September 2012

Ganpati-Power-Faith


Ganesh Utsav the festival to get blessing from Ganesha.





Ganesh Utsav is not traditional festival of India. Ganesh Utsav was started by
Lokmanya Tilak Ji as British government had banned gathering of 3 or more
people at one place. Tilak Ji started Ganesh Utsav to hold meeting with people
involved in Freedom movement of India.





Over period of time Ganesh Utsav has
totally changed the meaning. There are many people from whom Ganesh Utsav is
just like 9days party. Now Ganpati is festival to collect money from people and
enjoy that money in the name of lord Ganesh. In the night you'll get many
people playing cards and drinking whisky in Ganpati Pandals of Mumbai. Political
parties are showing their power with Ganesh Utsav.



In city like mumbai where traffic on road is big problem, it’s get worse in
these 9-10 days. I am very sorry for the people who celebrate Ganesh Utsav with
faith and trust but that class in getting sink. We all need blessing of Lord
Ganesha but that doesn't mean we should get drunk and fight on road to
celebrate Ganpati. Two group of people are fighting to decide their Territory
to collect donation so it shows everyone want to enjoy from the money collected
in name of Ganpati. Ganesh Utsav now became festival for noise pollution than
worship of God.



Doing Kamaal,

Kamal Upadhyay


Sunday, 23 September 2012

पेट्रोल, डीसेल और एलपीजी


राजनीति का सबसे पहेला सबक विपक्षी दल जो
भी करे उसका विरोध करो यदि आप विरोध नहीं करोगे तो आपमे और आपके विपक्षी दल
मे क्या अंतर रह जाएगा ! मुझे आज भी याद है एनडीए  के शासन कल मे जब
पेट्रोल, डीसेल और एलपीजी के भाव मे बढ़ोतरी हुई उस समय सोनिया गाँधी ने
उसका विरोध किया था ! सोनिया गाँधी भाव बढ़ोतरी के खिलाप बड़ी बड़ी रैली कर
रही थी और दूसरी तरफ बीजेपी बढ़ोतरी को आर्थिक मजबूरी बताकर उसे जरूरी
ठहरा रही थी !

जल मे गाड़ी नाव पर थल गाड़ी पर नाव !

समय बदला
और समय के साथ साथ बीजेपी और कांग्रेस के पक्ष भी बदल गए ! कांग्रेस सर्कार
मे आ गयी और बीजेपी विपक्ष मे चली गयी ! अब कांग्रेस पेट्रोल, डीसेल और
एलपीजी के भाव बढाती है और बीजेपी उसके खिलाप रैली निकलती है !और दूसरी तरफ
कांग्रेस बढ़ोतरी को आर्थिक मजबूरी बताकर उसे जरूरी ठहरा रही है !
प्रधानमंत्री स्वयं आज कल बोलने लगे है उनके अनुसार "पैसे पेड़ पर नहीं
लगते है" पर वो भूल गए की पेड़ मरने के बाद जमीन मे दफन हो जाता है और कई
सालो के बाद उसका कोयला बन जाता है जिसे बंदरो की तरह लोग आपस मे बाँट लेते
है !

सरकारे बदलती रहेंगी परन्तु पेट्रोल, डीसेल और एलपीजी के भाव
बढ़ने का कारण हमेशा आर्थिक मजबूरी ही रहेगी ! और इसी आर्थिक मजबूरी के दम
पर हम विश्व की बड़ी शक्ति बनने का सपना देख रहे है !




Doing Kamaal,

कमल उपाध्याय

Monday, 17 September 2012

सुयोधन या दुर्योधन


बहुत समय पहेले मैंने कही पढ़ा था की दुर्यौधन का नाम सुयोधन था परन्तु उसके
कर्मो के कारण लोग उसे दुर्योधन बुलाने लगे ! हम हमेशा दुर्योधन का नाम
आते ही मन मे घृणा भर लेते है परन्तु क्या दुर्योधन इतना पापी था जितना
पापी हम उसको समझाते है ! मै पुरे विश्वास के साथ कह सकता हु की बहुत ही कम
लोगो ने महाभारत का अध्ययन किया होगा, प्रायः लोगो ने टीवी पे प्रशारित
नाटको के जरिये सुयोधन के बारे मे अपनी मंशा बना ली, परन्तु यहाँ भूल गए की
प्रायः धारावाहिक दर्शक की रूचि के अनुसार पात्रो का गठन करते है !
 


दुर्योधन या सुयोधन ?
 


बड़ा

प्रश्न चिन्ह मेरे मन मे अचानक खड़ा हो गया ! मुझे पता है की आप के लिए
इसमे सोचने वाली कोई बड़ी बात नहीं है परन्तु हमारे संसार का निर्माण सभी
पात्रो को ध्यान मे रख कर हुआ ! स्वयं सृष्टी के निर्मता ने सुयोधन और
दुर्योधन दोनों का बनाया ! हर युग मे दुर्योधन ने जन्म लिया और फिर उसका वध
हुआ, दुर्योधन को बुराई का प्रतिक माना गया और उसके वध के बाद लोगो मे इस
बात का प्रचार किया गया की बुरे व्यक्ति का हस्र बुरा होता है !
 


दुर्योधन का जन्म जरूरी था ?
 


दुर्योधन
के वध से लोगो मे भगवान के प्रति आस्था बनी रही ! भगवान भी स्वयं यही
चाहते है की लोग उन्हें याद रखे ! यदि मनुष्य को सिर्फ आनंद मिलेगा तो
भगवान को याद नहीं करेगा इस लिए दुर्योधन का जन्म हर युग मे जरूरी है ! लोग
कष्ट मे रहेंगे तो भगवान को याद करेंगे और उनमे सही और गलत का डर बना
रहेगा ! अब आप जब कभी दुर्योधन के बारे मे सोचे तो याद रखना वो तो मात्र एक
कटपुतली था और उसका भाग्य तो स्वयं भगवान ने निर्धारित किया था !
 


Doing कमाल,
कमल उपाध्याय

Wednesday, 12 September 2012

Creativity – Religion & Freedom


America’s Ambassador at Libya and three other Americans gunned
down by Islamist Gunman. Gunman was part of mob blaming America for film, they
said insulted the Prophet Mohammad. US president Barack Obama branded the
attack as OUTRAGEOUS and vowed to track down the perpetrators and order the
tightening security worldwide for diplomats.







Mumbai police arrested a cartoon artist named Aseem Trivedi
for making cartoons based in current political situation of India. Aseem used
national symbol to make the cartoon and police put sedition charges against
Aseem after FIR filled against him for creating wrong impression of National
Symbols.





The Picaso of India M.F Husain took self exile from India,
when his Painting on Hindu Goddess Durga, Sarswati and Bharat Mata in nude
position crated trouble for him all over India. There were various cases filed against
him for hurting religion sentiment of Hindus and there were protest all over
India from Hindu Sanghthans against him.





There is one thing common in all the above cases religion
though Aseems case was slight different but he was arrested after someone
filled FIR against him for hurting his sentiment. Attack on Americans at Libya was
outcome of making some movie on prophet, which hurt sentiment of people and so
was the case for Husain.





You have freedom of creativity and your freedom doesn’t mean
that you keep doing creative spins which hurt people religious sentiments.
Hurting sentiment religion many time leads to riots so all creative people
should understand that their freedom of creative line before doing creativity
connected with religions.





Doing Kamaal,



Tuesday, 11 September 2012

Feedback to Arnab for Interview with Raj


Dear Arnab,








I saw your interview with Raj Thackrey. Your questions to
Raj were very balanced and so I found the answer from Raj. He is very much
correct when he said that few news channels interpret his sentence in wrong way
and then make it news for TRP. Raj gave very balanced reply for all the
questions. He is very much right when he says that alliance between MNS &
SS is not just part of their own agreement but also they have to look for
various issues which will take place between two party workers. It’s as good as
study before merger of two companies.





I don’t agree with Raj that when he says that he is not against
any migrants worker of UP & Bihar but his sentences are against people who
want to set their political dream in mumbai but bottom level worker of his own
party miss judge it and outrage against the migrant worker.





I am in Mumbai
from last 25years. I have same concern for Mumbai as Raj has but creating
tension between people is not right way to answer problems of India, again I
want to add that many of the time Many news channels has shown wrong
translation of speeches but yes at same time he doesn’t has nay right to threat
Media people.





Raj is very strong person in Mumbai. He can sue News
Channels who are translating his speeches in wrong way to generate more TRP.
Frankly speaking I myself has witnessed this media bias many of the time. Media
doesn’t listen IF & BUT and make news to gain TRP which is wrong. Everyone
has right of Free Speech but that should not be baseless.





I found your & Raj’s Hindi very nice let me conclude
with shlok in Sanskrit


“ Shateshu Jayate Shoorah, Shashresu cha Pandita, Vakta Das
Sahashre Su” so you both are very good speaker so keep it up for development of
India.





Doing Kamaal,


Kamal Upadhyay


Monday, 10 September 2012

India’s Milkman V Kurien


He was 90 and is survived by wife Molly Kurien and daughter Nirmala. He was the founder chairman of the National Dairy Development Board (NDDB). Dr Kurien’s hardwork made Amul household brand name. He launched 'Operation Flood', the largest diary development programme in the world, which made India No.1 Milk producer in world.

The father of 'white revolution' Dr Verghese Kurien, who transformed India from a milk-deficient country to the world's largest milk producer, passed away on sunday at Muljibhai Patel Urological Hospital in the neighbouring Nadiad, after a brief illness.

Through Kurien's efforts vide the Amul Model, the country's milk production shot up from a mere 20 million metric tonnes (MMT) per annum in 1960 to a whopping 122 MMT last year.

He gave us white revolution. Kurein passed away but he’ll be always there in our heart. Amul gave fantbulas tribute to him with their famous Amul poster.

Doing Kamaal,
Kamal Upadhyay

Salman – New Brand


We have seen BatMan, Super Man, SpiderMan in Hollywood and
now we have our SalMan(Salman Khan) in bollywood. Salman is setting new records of Box office
collection from his last few movies. He started his new success story from
Wanted followed by Dabbang, Ready, Bodyguard & Ek Tha Tiger. He is giving
back to back super hits movies for bollywood.











THE BEST THING his fans go in cinema hall to watch him
and they don’t care for story & other massala related for super hit movies. Salman himself is massala to make movie super hit.





“Bhai ko dekhana hai to dekhana hai”





“Bhai ne chaar Panch mare do kick mari aur ek bar Shirt uteri
paisa vasoosl ho gaya”





Salman is new brand with super success formula. I have one
story for salman Khan. A girl is kidnapped by villain and Salman has to fight
with villain to make Girl free. There will be 12 stages in movie where
Salman will fight with all the hurdles to reach in last stage. In movie there
will be dialogues for 5 minutes and fight for 3 minutes in every stage. Movie
will finish in 96 minutes. This movie will be packed with full of Action and dialogues
which his fans want to listen. I am very mush sure that this movie will break
all the records.





Salaman is brand so I am confident that my 6line story will
break all box office records. If someone wants to make money then sign salman
khan and make movie on my story.





Bhai Ki Movie Me Maara Mari Ho To Bahut Maza Aata Hai.


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