साहेब - साहेब बोल के लड़ते थे लोग,
चले गये साहेब पर छोड़ गये लोग !
मै भी
साहेब तू भी साहेब,
का चक्कर मीडिया ने बना डाला !
व्यंग के चित्रों ने जिसकी छवि बनाई,
उसपर व्यंग करने पर हो जाती है पिटाई !
साहेब
की आग से अब कौन बचाएगा,
गुंडा गर्दी ऐसे चली तो क्या साहेब खुश हो जायेगा !
Doing Kamaal,
Kamal Upadhyay
P.S : Word Saheb is used to make poem & not to defame anyone.
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