गाँव की अँधेरी रातों में,
वो सितारा उजाला फैलता था।
उजियाले चाँद की रोशनी में,
वो सितारा कही छुप जाता था।
मै जब रात को सो जाता था,
वो सितारा मेरा मन बहलाता था।
दूर गगन में जुगनू सा टिमटिमाता,
वो सितारा कलाबजिया दिखता था।
मै लेट लतीफ़ देर से आता,
वो सितारा मुझे समय का एहसास करता था।
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