एक दिन छुटपन के सपनो मे जा पंहुचा मैं मधुशाला !!
ना मुझे शहद मिली, ना मिली कोई हाला !
रिझाती हाँथ पकड़कर मेरा वहा एक चंचल मधुबाला !
एक दिन छुटपन के सपनो मे जा पंहुचा मैं मधुशाला !!
पैमाने पैमानो से छलक रहे थे, मदहोश थी मधुशाला !
एक दिन छुटपन के सपनो मे जा पंहुचा मैं मधुशाला !!
कोई रोता कोई हस्ता बेबाक थी मधुशाला !
एक दिन छुटपन के सपनो मे जा पंहुचा मैं मधुशाला !!
दुःख की नदियाँ सुख के गोते खेल खिलाती मधुशाला !
एक दिन छुटपन के सपनो मे जा पंहुचा मैं मधुशाला !!
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