प्यारे कमल,
आप पिछले कई दिनों से मेरे
और मेरी पार्टी के बारे में उलजुलूल बांते लिख रहे है। मुझे ये भी पता चला
की आप लोगो का मेरी छवि बिगाड़ने में बड़ा हाथ है। आप लोग आये दिन चिल्लाते
रहेते की मेरे शासन कल में घोटाले भारत की जनसँख्या की तरह बढ़े, परन्तु
क्या आप ने कभी ये सोचा की इन बढ़ते घोटालो के पीछे क्या कारण है।
आप लोग जो दिन भर मेरे ऊपर व्यंग कसते है और नए नए
कारनामे मेरे बारे में लिखते है, परन्तु चुनाव के दौरान आप अपने घर से बाहर
भी नहीं निकलना चाहते है। सरकार चुनाव के दिन छुट्टी की घोषणा करती है और
आप उस छूट्टी को जोड़कर सप्ताह के अंत में मौज मस्ती करने चले जाते है।
चलो अब मुद्दे की बात पर आते है की भारत में बढ़े
घोटालो में जितना किरदार राजनितिक दलों का है उतना ही किरदार आप लोगो का
है। आप को पता है घोटाला होने का मुख्य कारण आपका चुनाव में भाग ना लेना
है। चले अब जानते है कैसे ? नीचे मै चुनाव के दरमियान होने वाले प्रतिदिन
खर्चो के बारे में बताता हु।
जो व्यक्ति थोड़ी बहुत अंग्रेजी जानता है उसे रोज़ के २००० रुपये देने पड़ते है।
हमारे पीछे चलने वाले लोगो को ५०० रुपये देने पड़ते है।
लाउड स्पीकर और मोटर गाड़ी का १०००० रुपये देने पड़ते है।
जो व्यक्ति हमें लोगो से वोट दिलवाता है उसे १५००० रुपये देने पड़ते है।
हमें प्रतिदिन ४५० रुपये प्रति व्यक्ति खाने और पीने के लिए देने पड़ते है।
आज कल तो हमें घर घर पैसे भी बटवाने पड़ते है। उसका खर्च और बड़ा है।
इस तरह हम प्रतिदिन एक नेता के पीछे एक चुनाव क्षेत्र
में लाखो खर्च करते है ग्रामपंचयत, नगरनिगम, विधानसभा और लोकसभा को मिलाने
पर ये खर्च करोडो में होता है। और ये सब खर्च उस ४०% जनता के लिए होता है
जो हमें वोट देने आते है और वो ४०% जनता हमारे इन करोड़ो खर्च करने पर वोट
देती है। पैसे मेरे घर के बगीचे के झाड़ पर तो नहीं लगते है तो हमें घोटालो
करने पड़ते है।
आप तो सिर्फ चिल्लाते है, यदी आप मतदान के लिए बाहर आए
और सही मुद्दों पर मतदान करे तो हमें चुनाव में करोड़ो - अरबो खर्च करने की
जरूरत ना पड़े। और घोटाले अपने आप बंद हो जाए। इसलिए मै घोटालो का
जिम्मेदार मुझे नहीं आप लोगो को समझ ता हूँ।
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