दूर गगन में कही था अब तक खोया !
बादल आज कई दिनों के बाद रोया !!
बदल रोता, मै मुस्कुराता हु !
वो गम बताता, मै खुशिया मनाता हु !!
बादल के आंसू ने सारा जग भिगोया !
बादल आज कई दिनों के बाद रोया !!
अब बादल रोता मई हँसता नहीं था !
उसके आंसू पर मज़ा कसता नहीं था !!
बदल के आंसू ने हरियाली का मंजर लाया !
सपनो सा था दर्पण, जग को आंसू ने चमकाया !!
बादल ने जैसे रोने की जिद थी ठानी !
उसके आंसू धरती पर कर रहे थे मनमानी !!
अब बादल रोता तो मै भी रोता हु !
अपने सपने उसके आंसू से भिगोता हु !!
हरियाली का मंजर जैसे उजड़ा, कही खोया !
बादल आज कई दिनों के बाद रोया !!
कुछ महीने बीते बादल मन गया !
अपने आंसू को थामना जैसे जान गया !!
अब बदल मुस्कुराता, मै मुस्कुराता हु !
रोने पर किसी के न हँसना सबको समझाता हु !!
दूर गगन में कही था अब तक खोया !
बादल आज कई दिनों के बाद रोया !!
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