Friday 24 January 2014

मैं नहीं हम - कांग्रेस


राहुल गांधी का नया पोस्टर "मैं नहीं हम" काफी बढ़िया है।  कांग्रेस हमेशा से नारे देने में बहुत ही सफल रही है। ऐसा कहेना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस एक नारा प्रधान दल है।





गरीबी हटाओ !!


कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ !!


हो रहा भारत निर्माण !!


मैं नहीं हम !!

हर हाथ शक्ति , हर हाथ तरक्की !!







परंतु सोचने वाली बात है ने इन चुनावी नारो के बाद भी उस नारे से जुड़े लोगो कि ज़िन्दगी में कोई बदलाव नहीं आया। मैं ऐसा नहीं रहा कि  कांग्रेस आम आदमी के लिए कुछ नहीं किया परन्तु २००९ के बाद हुए एक के बाद एक घोटालो कांग्रेस के सभी अच्छे कर्मो पर पानी फेर दिया।  





मैं नहीं हम !! अगर ए नारा देने से ही कांग्रेस जीत जाती तो क्या बात थी , परन्तु जमीनी सच्चाई ये है कि कांग्रेस के नारो से आम जनता काफी बार धोखा खा चुकी है।  तो मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस का नया नारा "मैं नहीं हम"  आगामी लोकशभा चुनाव में कांग्रेस को कोई नई सफलता दिलाने में सक्षम होगा। कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओ में कोई जोश नहीं दिख रहा है।  इस समय कांग्रेस को उनके कार्यकर्ताओ में जोश जगाने कि जरूरत है।  अगर कार्यकर्ताओ में जोश जाग गया तो शायद कांग्रेस फिर से मतदाताओ में अपने प्रति विश्वास जगा पाएगी।  





मैंने पिछले कई महीनो में कई बार कांग्रेस के नेताओ को जमीनी सच्चाई बताने वाला लेख लिख चूका हूँ। परन्तु मैंने अभी भी कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओ में कोई हरकत नहीं देखी है।  यदि कांग्रेस को लगता है की ५०० करोड़ रुपये खर्च करके ब्रैंडिंग की जा सकती है।  तो ए उनका भ्रम है।  ब्रैंडिंग कि सफलता का सबसे बड़ा रहस्य आम लोगो द्वारा की जाने मुँहजबानी चर्चा है।  कांग्रेस इस चरचा में मार खा रही है।मुँहजबानी चरचा में लोग उनके खिलाफ सिर्फ नकारात्मक बाते कर रहे है।  जिसे कोई ब्रैंडिंग एजेंसी ५०० करोड़ लेकर नहीं बदल सकती है।  





मैं नहीं हम - इस समय मैं नहीं हम का जजब्बा कांग्रेस के कार्यकर्ताओ में जगाने कि जरुरत है।  कांग्रेस के नेताओ को उनके कार्यकर्ताओ में ये मंत्र फूँकना पड़ेगा कि हम चुनाव जीत सकते है, जो इस वक़्त सिर्फ कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओ कि सोच है।  


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