Thursday 9 January 2014

आशुतोष, राजनीती और मीडिया



कल शाम आज तक के पत्रकार राहुल कँवल ने ट्विटर पर लिखा कि अगले २४ - ४८ घंटो में एक बहुत बड़ा पत्रकार आम आदमी पार्टी से जुड़ने वाला है।  राहुल का ट्वीट पढते ही मैंने उन्हें लिखा "मेरे ख्याल से वो नाम आशुतोष है " क्या ये विचार करने वाली बात नहीं है ? मेरे मन में आशुतोष का नाम कैसे आया ? तो मेरा जवाब बहुत ही सीधा है।  मैं ट्विटर पर सभी राजनेता और पत्रकारो को फॉलो करता हु।  आशुतोष के टाइम लाइन पर जाने पर आपको उनका आम आदमी पार्टी कि तरफ उमड़ता उदारपन दिख जायेगा। इस बात कि संभावना को टाला नहीं जा सकता कि उनके इस फैसले से पहेले उनके पत्रकारिता व्यवहार में भी आप के प्रति लचीला पन आया होगा।









परन्तु आशुतोष जैसे बड़े पद के पत्रकार का राजनीती में दाखिला मेरे मन में एक सवाल खड़ा कर देता है। क्या सभी समाचार चैंनल आशुतोष के प्रति एक उदारता नहीं दिखाएंगे ? पेड मीडिया ट्विटर जगत का एक बहुत ही प्यारा टर्म है, खुद आम आदमी पार्टी ने अपने ऊपर होने वाली आलोचना को काफी बार पेड मीडिया का षड़यंत्र कहेकर टाल दिया, तो क्या आशुतोष के इस कदम से मीडिया के ऊपर आशंका वाली नजरे फिर से पैनी नहीं हो जाएँगी। मीडिया जगत खुद आशुतोष के फैसले से दो भाग में बंट गया है।  सही और गलत कि दुरी बहुत कम है। सुना समाचार जगत हमेशा सच के साथ है। हाल ही में तरुण तेजपाल के मामले में मीडिया ने कोई कोताही न करते हुए पुरे दिल से उनके खिलाफ रिपोर्टिंग की।  





राजनीती गन्दी है और उसमे आसुतोष जैसे लोगो के उतरने से लोगो का विश्वास राजनीती में बढ़ेगा परन्तु राजीनति में जायेंगे तो आलोचनाओ का सामना तो करना ही पड़ेगा। और कभी सवालो के पीछे बैठने वाले आशुतोष को अब जवाबो के लिए तैयार होना पड़ेगा। आशा करते है कि भविष्य में आशुतोष और बड़ी सफलताओ को हासिल करे और भारत को बुल्लंदियो पर ले जाए।  भारत एक आजाद मुल्क है और इस आजाद मुल्क में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है।  परन्तु आम जनता से बनी आम आदमी पार्टी में अब सिर्फ खास लोगो कि भर्ती हो रही है। आशा करता हु कि इससे आम आदमी पार्टी का आम लोगो के प्रति रव्वैया नहीं बदलेगा। 


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